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कोरोना टेस्ट में धांधली, बिना जांच के आ रही निगेटिव रिपोर्ट।

स्वास्थ्य विभाग का अजब कारनामा

पंचदेवरी।  संवाददाता सुनील कुमार गुप्ता 

 

जिले में कोरोना मरीजों को दी जाने वाली सुविधाओं में ही नहीं बल्कि जांच में ही जमकर धांधली की जा रही है। बिना जांच किए ही लोगों की रिपोर्ट निगेटिव आ जा रही है। ऐसे में सरकार के आंख में धूल झोंकने के साथ किट में भी स्वास्थ्य विभाग गड़बड़झाला कर रहा है। ऐसा ही मामला पंचदेवरी प्रखंड के भृगींचक गांव में देखने को मिला। यहां एक हीं परिवार के 15 लोगों की रिपोर्ट निगेटिव आई, जिन्होंने जांच करायी ही नहीं थी। यह जानकारी तब हुई जब बिहार सरकार स्वास्थ्य विभाग द्वारा मोबाईल पर आयी अपनी रिपोर्ट देखी।
जिले में गांव-गांव व मोहल्ले-मोहल्ले में कैंप लगाकर एंटीजन किट से लोगों की कोरोना की जांच की जा रही है। पाजिटिव रिपोर्ट आने पर तो तुरंत बता दिया जाता है, लेकिन फाइनल निगेटिव रिपोर्ट पटना से आती है। कोरोना के वैश्विक महामारी में जहां पूरा देश परेशान हैं, और इससे निपटने के लिए नित्य नए-नए जतन कर रहा है, वहीं जिले में स्वास्थ्य विभाग द्वारा कोरोना की जांच में ही जमकर धांधली की जा रही है। ताजा मामला पंचदेवरी के भृगींचक में देखने को मिला है। उक्त गांव निवासी दिनानाथ सिंह, केदार सिंह, प्रभुनाथ सिंह, प्रेमनाथ सिंह, मनावती देवी, शांती देवी, भुईली देवी, गीता देवी, रूमा देवी, कृष्णा सिंह, लालबाबु सिंह, बब्लू सिंह, रवि कुशवाहा, मीना कुमारी, विक्की कुमार सहीत एक परिवार के 15 लोगों की जांच 16 अक्टूबर को स्वास्थ्य विभाग ने एंटीजन किट से की है। जिसकी कोरोना रिपोर्ट निगेटिव आ गई। यह मामला तब पकड़ में आया जब उन्हें बिहार सरकार द्वारा उनके मोबाईल पर मैसेज के माध्यम से रिपोर्ट मिली। वह देखकर वह अवाक रह गए कि हमने तो जांच करायी ही नहीं तो रिपोर्ट निगेटिव कैसे आ गई। स्वास्थ्य विभाग के सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार ऐसा भारी संख्या में प्रतिदिन हो रहा है। इसमें सच्चाई कितनी है यह तो जांच का विषय है। स्वास्थ्य कर्मियों की लापरवाही कहें या अधिकारियों की मनमानी।
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एक जांच पर 45 सौ खर्च

जिस एंटीजन किट से गांव-गांव में जांच की जा रही है, अगर उसी से प्राइवेट में जांच कराने पर चार हजार से 45 सौ रुपये लगता है। इधर प्रदेश सरकार की ओर से आदेश दिया गया है कि प्रतिदिन एक लाख लोगों की कोरोना की जांच होनी चाहिए। इसके तहत पहले लोगों का रजिस्ट्रेशन किया जाता है। उसी के अनुसार किट मुहैया कराई जाती है। ऐसे में स्वास्थ्य विभाग बिना जांच किए ही सरकार की आंखों में धूल झोंकते हुए अपनी गिनती पूरी कर दे रहा है। अब सवाल यह है कि जब इन लोगों की जांच हुई ही नहीं तो उस किट का क्या हुआ होगा। इसका जवाब तो स्वास्थ्य विभाग के उच्चाधिकारियों के पास ही होगा, लेकिन जबसे यह मामला संज्ञान में आया है, लोगों में तरह-तरह की चर्चाएं हो रही हैं।
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कहते है अधिकारी

पंचदेवरी में 16 अक्टूबर को बाराचाप में एंटीजन किट से जांच की गई थी। साइट में थोड़ा प्रॉबलम है। जबतक उसकी लिखित रिर्पोट नहीं आती है। तबतक सहीं नहीं माना जाता है। साइट में गड़बड़ी के कारण मैसेज आ जा रहा है। इसे ठिक करने के लिए विभाग लगा हुआ है। बहुत जल्द ठिक हो जाएगा।
रोहीत कुमार, पीएचसी प्रबंधक पंचदेवरी


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