एस्पाइरिंग लाइव्स’ एनजीओ ने 8 माह से लापता नइमा खातून को उनके परिवार से मिलाया
महाराजगंज जिले के रहने वाली नईमा खातून का मानसिक हालत सही नहीं होने से लापता हुई थी
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गोरखपुर।नइमा खातून (महिला, 51 वर्ष) जो कि पिछले 8 महीनों से अपने घर से बिछड़ी हुई थीं, उनको उनके परिवार से 23 नवंबर को मिलवाया गया जब नइमा खातून का बेटा (आबिद अली) ‘एस एस समिथि अभया केन्द्रम ‘, कोल्लम जिला, केरल; नइमा खातून को वापस घर ले जाने के लिए आया और 26 नवंबर की रात्रि नइमा खातून अपने बेटे के साथ वापस घर पहुँच गईं। घर पर सभी लोग बहुत खुश हुए। ‘एस्पाइरिंग लाइव्स’ एनजीओ ने नइमा खातून का उनके परिवार से पुनर्मिलन कराया है।
नइमा खातून जो कि ‘लक्ष्मीपुर कोर्ट ग्राम, लक्ष्मीपुर कोर्ट पंचायत, रामपुरकला पोस्ट, सिसवा प्रखंड, सिसवा थाना, महराजगंज जिला, उत्तर प्रदेश’ की रहने वाली हैं, इस वर्ष के 11 मार्च से अपने घर से लापता हो गई थीं। मानसिक रूप से अस्वस्थ होने के कारण नइमा खातून जब अपने माइका (छपरा, सारण जिला, बिहार) गई थीं, और जब उन्हें छपरा रेलवे स्टेशन से अपने ससुराल आने के लिए ट्रेन पकड़नी थी तो गलती से उन्होंने दूसरी ट्रेन पकड़ ली और अपने ससुराल नहीं पहुँच सकीं। ये लापता हो गई थीं। इनके लापता होने की वजह से इनके परिवार वालों का बुरा हाल था। परिवार वालों ने अपनी तरफ से हर संभव कोशिश की नइमा खातून को ढ़ूँढ़ने की, लेकिन वह नहीं मिल सकी थीं क्योंकि नइमा खातून की मानसिक अस्वस्थता ने उन्हें केरल राज्य पहुंचा दिया था। इनको इनकी असहाय स्थिति में 29 जून को एस एस समिथि अभया केंद्रम नामक संस्था, जोकि केरल के कोल्लम ज़िले में अवस्थित है, में भर्ती कराया गया ताकि इनका जीवन-यापन चल सके। इनकी पुनर्वास की व्यवस्था यहाँ हो गई। इस संस्था ने 26 जुलाई को ‘एस्पाइरिंग लाइव्स’ एनजीओ जोकि मानसिक रूप से अस्वस्थ लापता लोगों को उनके परिवार से मिलाने का कार्य करता है, से संपर्क किया ताकि नइमा खातून को उनके परिवार से मिलाया जा सके। एस्पाइरिंग लाइव्स एनजीओ के मैनेजिंग ट्रस्टी, जिनका नाम ‘मनीष कुमार’ है, से संपर्क किया गया। ‘कोरोना’ की वजह से ‘एस एस समिथि अभया केंद्रम’ नहीं जाया जा सका नइमा खातून का उनसे उनका परिवार और घर का पता लेने के लिए। इसलिए फ़ोन से मनीष कुमार ने नइमा खातून से संपर्क किया। नइमा खातून अपनी मानसिक अस्वस्थता के कारण अपने परिवार और घर के बारे में ठीक से नहीं बता पाईं। बावजूद इसके, मनीष कुमार ने नइमा खातून के द्वारा बताए हुए अस्पष्ट तथ्यों के आधार पर ही इनके परिवार वालों का पता लगाना प्रारम्भ किया। और, उसी दिन (26 जुलाई को ही), नइमा खातून के परिवार वालों का पता चल गया। मनीष कुमार ने विभिन्न स्रोतों के माध्यम से नइमा खातून के परिवार वालों का पता लगाया। एस्पाइरिंग लाइव्स एनजीओ के संस्थापक, जिनका नाम ‘फरीहा सुमन’ है, का भी नइमा खातून के परिवार का पता लगाने में अहम् सहयोग रहा है। जब मनीष कुमार ने नइमा खातून के बेटे (आबिद अली) को फ़ोन से नइमा खातून के सकुशल केरल राज्य में होने की बात कही तो उनकी ख़ुशी का ठिकाना नहीं रहा। पूरा परिवार अत्यंत ही खुश हो उठा। यह ख़ुशी इसलिए भी ज्यादा थी क्योंकि नइमा खातून को लापता हुए लम्बा समय बीत चूका था और वह मानसिक रूप से भी अस्वस्थ थीं, इसलिए परिवार वालों को यह भी डर था कि नइमा खातून शायद अब इस दुनिया में ही न हो। इसलिए, नइमा खातून के होने भर की खबर मात्र से ही परिवार हर्ष के सागर में डूब गया। कोरोना कम होने का इंतजार किया गया ताकि इनके परिवार वाले ज्यादा सुरक्षितपूर्वक एस एस समिथि अभया केंद्रम आकर नइमा खातून को वापस अपने घर लेकर जा सकें। इस बीच, नइमा खातून के परिवार वालों का नइमा खातून से फ़ोन के द्वारा संपर्क करवाया जाता रहा। मनीष कुमार ने रेल के आरक्षण से लेकर आगमन-प्रस्थान तक की पूरी जानकारी नइमा खातून के बेटे (आबिद अली) को दी ताकि वह सुरक्षितपूर्वक अपनी माँ को वापस अपने घर ले जा सके।
23 नवंबर को नइमा खातून के बेटे (आबिद अली) एस एस समिथि अभया केंद्रम, कोल्लम जिला, केरल आए और 24 नवंबर को नइमा खातून को लेकर अपने घर के लिए रवाना हो गए और 26 नवम्बर को नइमा खातून अपने घर पहुँच गईं। न केवल नइमा खातून और उनका परिवार अपितु वहाँ के स्थानीय लोग भी नइमा खातून का अपने परिवार से पुनर्मिलन को लेकर अत्यंत ही खुश हैं। ‘एस्पाइरिंग लाइव्स’ की टीम भी इस पुनर्मिलन से अत्यंत ही प्रसन्न है। आजकल के इस भाग-दौड़ के माहौल में जब पारिवारिक सौहार्द और पारिवारिक बंधन तेजी से कम होता जा रहा है, तब उस परिवेश में नइमा खातून के बेटे ने गरीबी और कोरोना के डर को पीछे ढ़केल पारिवारिक सौहार्द और पारिवारिक बंधन का, उत्तर प्रदेश से केरल आकर और नइमा खातून को वापस घर ले जाकर, जो अनूठा उदाहरण इस समाज को पेश किया है, उसके लिए हम नइमा खातून के परिवार को सलाम करते हैं। मानसिक रूप से विक्षिप्त नइमा खातून का उनके परिवार के द्वारा उनके गुम होने के बाद अपनाया जाना, बहुत ही सराहनीय है। इसके लिए, इस परिवार के बारे में लोगों को जानना चाहिए। इस सकारात्मक समाचार का मीडिया के द्वारा प्रचार-प्रसार करने का उद्देश्य सिर्फ और सिर्फ नइमा खातून के परिवार का समाज को दिए गए सन्देश को लोगों तक पहुँचाना है।
एस्पाइरिंग लाइव्स एनजीओ सम्बंधित पंचायत (लक्ष्मीपुर कोर्ट) के सेक्रेटरी और प्रधान को, नइमा खातून के परिवार का पता लगाने में ‘एस्पाइरिंग लाइव्स’ को किए गए सहयोग के लिए, धन्यवाद ज्ञापन करता है।
गौरतलब है कि एस्पाइरिंग लाइव्स एनजीओ 8 मई, 2018 को पंजीकृत हुई है और बिना किसी बाह्य स्रोत की वित्तीय सहायता से इसने अभी तक 106 मानसिक रूप से असक्षम लापता लोगों को उनके परिवार से मिलाया है। एस्पाइरिंग लाइव्स एनजीओ की पंजीकृत शाखा तिरुपत्तूर जिला, तमिलनाडु में है; तथा मुख्य कार्यालय श्रीपेरुम्बुदुर, कांचीपुरम जिला, तमिलनाडु में है।
हम नइमा खातून व इनके परिवार की सुखद भविष्य की कामना करते हैं।