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सभी पात्र लोगों को कोविड प्रिकॉशन डोज़ लगाने का स्वतः संज्ञान लेना ज़रूरी

सभी बुजुर्ग हमारे युवाओं के मार्गदर्शक – स्वास्थ्य से समझौता नहीं – प्रिकॉशन डोज़ लगवाना ज़रूरी – एड किशन भावनानी

गोंदिया – वैश्विक स्तरपर कोरोना महामारी और ओमिक्रान वेरिएंट ने फिर एक बार जिस तरह तांडव मचाया है तथा अमेरिका में रोज 10 लाख़ पीड़ित तथा ब्रिटेन सहित कुछ देशों में भयंकर स्तरपर वार की खबरें आने के बाद सभी देश हाई अलर्ट लेवल पर सतर्क हो गए हैं और अपने अपने स्तरपर रणनीतिक रोडमैप बनाकर क्रियान्वयन कर रहे हैं।

साथियों बात अगर हम भारत की करें तो इस महामारी को लेकर लगभग सभी राज्य अलर्ट पर हैं तथा दिल्ली-मुंबई सहित कुछ राज्यों ने अपने-अपने राज्यों में नई एसओपी और गाइडलाइन ज़ारी कर कठोरता से क्रियान्वयन किया जा रहा है। पीएम ने भी हाई लेवल पर बड़े अधिकारियों मंत्रियों के साथ मीटिंग कर हालातों का जायजा लिया उधर रेल मंत्री सहित अनेक विभागों द्वारा अपने मंत्रालय की तैयारियों की समीक्षा करना जारी है। रेलमंत्री ने भी ऑक्सीजन सहित ज़रूरी सामग्री की आपूर्ति में परिवहन व्यवस्था की समीक्षा की ऐसा इलेक्ट्रॉनिक मीडिया और पीआईबी द्वारा जानकारी प्राप्त हुई।
साथियों बात अगर हम भारत में दो डोज़ के बाद तीसरा बूस्टर डोज जिसे प्रिकॉशन डोज का नाम दिया गया है जिसमें पात्र लोगों जैसे स्वास्थ्य कर्मी, अग्रिम पंक्ति के कर्मी, तथा 60 वर्ष से उपर, बीमारी से पीड़ित व्यक्तियों को 10 जनवरी 2022 से लगाना शुरु है और एक दिन में ही 984676 डोज़ लगाए गए जो तारीफ़ के काबिल है।

साथियों बात अगर हम दिनांक 10 जनवरी 2022 को माननीय पीएम द्वारा प्रिकॉशन डोज़ लगाने के आग्रह की करें तो, उन्होंने उन सभी लोगों से कोविड प्रीकॉशन डोज लगवाने का आग्रह किया है, जो इसके पात्र हैं। उल्लेखनीय है कि भारत ने प्रीकॉशन डोज लगाना शुरू कर दिया है। पीएम ने उन सभी की सराहना की, जिन्होंने आज टीके लगवाये। एक ट्वीट में कहा भारत ने प्रीकॉशन डोज लगाना शुरू कर दिया है। उन सबको साधुवाद, जिन्होंने आज टीका लगवाया है। मैं टीका लगवाने के पात्र लोगों से आग्रह करता हूं कि वे टीके लगवा लें। जैसा कि हम सब जानते हैं कि कोविड-19 से लड़ने में टीकाकरण सबसे ज्यादा कारगर तरीका है।
साथियों बात अगर हम प्रिकॉशन डोज़ के महत्व की करें तो इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के अनुसार, जब हम किसी बीमारी से बचने के लिए टीका लगवाते हैं, तो हम अपने शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को उस बीमारी से लड़ने के लिए तैयार करते हैं, लेकिन कई बार वैक्सीन की एक से ज़्यादा खुराक लेनी पड़ती है। कोविड प्रिकॉशन डोज़, वैक्सीन की एक अतिरिक्त डोज़ होती है, जिसे तब दिया जाता है, जब वैक्सीन के ओरिजनल शॉट से मिली सुरक्षा वक़्त से साथ कम होने लगती है. आम तौर पर प्रिकॉशन डोज़ तब दिया जाता है जब शुरुआती डोज़ से मिली इम्युनिटी अपने आप धीरे-धीरे कम होने लगती है। प्रिकॉशन डोज़ उस इम्युनिटी के स्तर को लंबे वक़्त तक बनाने रखने में लोगों की मदद करता है।भारत में बूस्टर शॉट को ‘प्रिकॉशन डोज़’ कहा जा रहा है।25 दिसंबर को पीएम ने कहा, एहतियात की दृष्टि से सरकार ने निर्णय लिया है कि हेल्थकेयर और फ्रंटलाइन वर्कर्स को वैक्सीन की प्रिकॉशन डोज़ भी प्रारंभ की जाएगी।
साथियों बात अगर हम प्रिकॉशन डोज़ लगाने की करें तो, 10 जनवरी से बूस्टर डोज़ लगना शुरू हो गई है। केंद्र सरकार ने इससे जुड़ी गाइडलाइंस जारी की हैं और प्रिकॉशन डोज़ के लिए एलिजिबिलिटी और स्लॉट बुकिंग को लेकर स्थिति साफ़ की है। मीडिया में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार, हेल्थकेयर वर्कर, फ्रंटलाइन वर्कर और गंभीर बीमारियों से जूझ रहे 60 साल से ऊपर के बुजुर्ग प्रिकॉशन डोज़ के लिए पात्र होंगे।
इसके अलावा,ये डोज़ दूसरी डोज़ के 9 महीने बाद यानी दूसरी खुराक देने की तारीख से 39 हफ़्ते पर दी जाएगी। इसके अलावा गाइडलाइन के अनुसार प्रिकॉशनरी डोज़ के लिए पात्र होने पर लाभार्थियों को कोविन से एक टेक्स्ट मैसेज भेजा जाएगा, ताकि पता चल सके कि उन्हें वैक्सीन की तीसरी खुराक लेनी है।
साथियों बात अगर हम कोरोना ग्रस्त लोगों को प्रिकॉशन डोज़ देने की करें तो, वायरस से एक बार संक्रमित होने के बाद, शरीर में वायरस से लड़ने की क्षमता विकसित होती है। अगर कोई कोरोना वायरस से संक्रमित हुआ है, तो उनमें वायरस के प्रति एंटीबॉडी विकसित हो जाती हैं। प्रिकॉशन डोज़ लेने से शरीर का इम्यून सिस्टम लंबे समय तक मज़बूत रहता है, इसलिए स्वास्थ्य विशेषज्ञों की सलाह है कि कोविड से संक्रमित होने के कुछ दिन बाद डॉक्टर की सलाह के अनुसार, प्रिकॉशन डोज़ लेनी चाहिए।
साथियों बात अगर हम प्रिकॉशन डोज़ लेने संबंधी अन्य बातों के करे तो इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के अनुसार, आपको प्रिकॉशन डोज में वहीं वैक्सीन लगाई जाएगी जो वैक्सीन आपको पहली और दूसरी डोज में लगी है। प्रिकॉशन डोज़ के पहले दूसरा डोज़ जिस वैक्सीन का कोविशील्ड/को-वैक्सीन/स्पूतनिक का लगा था, उसी वैक्सीन का प्रिकॉशन डोज़ लगाया जाएगा।
साथियों प्रिकॉशन डोज़ के लिए पात्र लोगों को को-विन सिस्टम एसएमएस के जरिए सूचित करेगा। स्वास्थ्य विभाग के पास कोविन एप पर दोनों डोज की पूरी सूचीहै।प्रिकॉशन डोज़ के लिए स्वास्थ्य विभाग के पास मौजूद डेटा के मुताबिक मैसेज भेजा जाएगा। ऐसे लोग जिनको दोनों डोज लग सके है उनको ही प्रिकॉशनरी डोज लगाया जाएगा। तीसरी डोज लगाए जाने के बाद प्रिकॉशन डोज का सर्टिफिकेट जारी होगा।
साथियों आज जिन्हें 12 अप्रैल 2021 के पहले कोरोना वैक्सीन का दूसरा डोज़ लगाया गया था उनका वैक्सीनेशन होगा। इसके लिए डॉक्टर की पर्ची की जरूरत नहीं होगी। वैसे 60 से ऊपर वाले जो बुजुर्ग गंभीर बीमारियों से ग्रस्त हैं, वे वैक्सीन लेने से पहले अपने डॉक्टर की सलाह जरूर लें कि वह वैक्सीन लगवा सकते हैं या नहीं। अगर डॉक्टर हां कहते हैं तो वह कोविन पोर्टल पर स्लॉट बुक कर वैक्सीन लगवा लें।
साथियों चूंकि तीसरी डोज 60 साल से ज्यादा उम्र वाले बीमार बुजुर्गों के लिए ही है, इसलिए ऐसे लोगों के लिए प्रिकॉशनरी डोज के साथ-साथ कोरोना से बचाव में लापरवाही बिलकुल नहीं करनी चाहिए।
अतः अगर हम उपरोक्त पूरे विवरण का अध्ययन कर उसका विश्लेषण करें तो हम पाएंगे कि सभी पात्र लोगों को कोविड प्रिकॉशन डोज़ लगाने का स्वतःसंज्ञान लेना ज़रूरी है क्योंकि सभी बुजुर्ग हमारे युवाओं के मार्गदर्शक हैं। स्वास्थ्य से समझौता नहीं होना चाहिए तथा प्रिकॉशन डोज़ लगवाना ज़रूरी है।

*-संकलनकर्ता लेखक- कर विशेषज्ञ एडवोकेट किशन सनमुखदास भावनानी गोंदिया महाराष्ट्र*


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