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गुरू गोबिंद सिंह के साहिबज़ादों के बलिदान की गाथा पाठ्यक्रम में शामिल की जाये

शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास ने प्रधानमंत्री को लिखा पत्र

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा गुरु गोबिंद सिंह के पुत्र जोरावर सिंह और फतेह सिंह के बलिदान दिवस 26 दिसम्बर को “वीर बाल दिवस” के रूप में मनाए जाने की घोषणा प्रकाश पर्व के शुभ अवसर पर की गयी है। प्रधानमंत्री जी की इस पहल का स्वागत करते हुए शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास द्वारा साहिबजादों के बलिदान को पाठ्यक्रम में सम्मिलित करने की मांग की गयी है।

यह जानकारी देते हुए शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास के प्रचार प्रमुख अथर्व शर्मा ने बताया कि गुरु गोबिंद सिंह जी के साहिबजादों पर हुए अत्याचारों को सुन कर आज भी हमारी रूह कांप जाती है। बाल वीर बांकुरों ने धर्म की रक्षा व महान सिद्धांतों के लिये अपने प्राणों को न्योछावर किया था। न्यास के राष्ट्रीय सचिव श्री अतुल कोठारी ने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा वीर बाल दिवस की घोषणा का स्वागत करते हुए उनसे अनुरोध किया है कि बाल वीर बांकुरों की प्रेरणास्पद गाथा को हमारे पाठ्यक्रम में शामिल किया जाये जिससे साहिबजादों की शौर्य, त्याग व समर्पण की कहानी से आने वाली पीढ़ियाँ प्रेरणा ले सके तथा भारत के गौरवशाली इतिहास को आत्मसात कर राष्ट्रसेवा में अपना योगदान दे सकें
अथर्व शर्मा राष्ट्रीय प्रचार प्रमुख
शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास

रिपोटर चंद्रकांत सी पूजारी


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