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*सीएम योगी ने गोरखपुर वासियों को दी 463 करोड़ की परियोजनाओं की सौगात, बोले- कानून के साथ खिलवाड़ करने की इजाजत किसी को नहीं*

गोरखपुर। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मंगलवार की दोपहर बाद तीन दिवसीय दौरे पर गोरखपुर पहुंचे। सीएम हेलीकाप्टर से सर्किट हाउस पर उतरे। वहां से सड़क मार्ग से गोरखपुर क्लब पहुंचे। मुख्यमंत्री योगी ने यहां विभिन्न विभागों की 463.59 करोड़ की 208 परियोजनाओं का लोकार्पण एवं शिलान्यास किया। इस दौरान उन्होंने जनता को संबोधित करते हुए परियाजनओं के लिए सभी को बधाई दी।

*विकास हम सबके जीवन में परिवर्तन ला सकता है*

लोकार्पण व शिलान्यास कार्यक्रम में शामिल लोगों को संबोधित करते हुए सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि कल गुरु पूर्णिमा है और गुरु पूर्णिमा से एक दिन पहले गोरखपुर वासियों को 463 करोड़ रुपये की इन परियोजनाओं के लोकार्पण और शिलान्यास के लिए हृदय से बधाई देता हूं। विकास हम सबके जीवन में परिवर्तन ला सकता है। इसीलिए चित्रों में अलंकृत विकास की परियोजनाओं को समयबद्ध ढंग से आगे बढ़ाना ही केंद्र और प्रदेश सरकार की प्राथमिकता में है।
कानून से खिलवाड़ करने की इजाजत नहीं: बिना भेदभाव के विकास करना समाज के प्रत्येक तबके को इसका लाभ प्राप्त हो सके, प्रत्येक नागरिक के जीवन में इन योजनाओं का लाभ प्राप्त हो सके इसी उद्देश्य के साथ केंद्र और प्रदेश सरकार निरंतर कार्य कर रही है। लेकिन कानून के साथ खिलवाड़ करने की इजाजत किसी को नहीं है।
गौरतलब है कि गुरु पूर्णिमा बुधवार को है। गोरखनाथ मंदिर में तैयारियां तेज हो गई हैं। गोरक्षपीठाधीश्वर व मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ नाथ परंपरा के अनुसार नादी आदेश (गुरु को प्रणाम करने की विधि) से महायोगी गुरु गोरक्षनाथ समेत सभी गुरुओं व अपने गुरु ब्रह्मलीन महंत अवेद्यनाथ महाराज को प्रणाम कर अपनी श्रद्धा निवेदित करेंगे। इसके बाद सभी संत-महात्मा व योगी गोरक्षपीठाधीश्वर को इसी विधि से प्रणाम करेंगे। इसके बाद आम श्रद्धालुओं के लिए गुरु पूजा उत्सव आयोजित किया जाएगा।
मंदिर कार्यालय के सचिव द्वारिका तिवारी व प्रधान पुजारी योगी कमलनाथ ने बताया कि गोरक्षपीठाधीश्वर सुबह 3.30 बजे बिस्तर छोड़ देंगे। स्नानादि के बाद वह योगाभ्यास करेंगे। तत्पश्चात शक्ति मंदिर में दुर्गाजी का पाठ करेंगे। इसके बाद वह शिवावतार महायोगी गुरु गोरखनाथ की विधि-विधान से पूजा-अर्चना करेंगे। रोट का भोग लगाएंगे। इसके बाद अखंड ज्योति व मंदिर के परिक्रमा पथ में स्थापित देवी-देवताओं की पूजा कर भगवान शंकर के मंदिर में जाकर उन्हें जलाभिषेक करेंगे। इसी क्रम में शीतला माता, त्रिशूल भैरव, दुर्गा जी, धूनी व हनुमान जी का दर्शन-पूजन कर गुरुओं के समाधि स्थल पर पहुंचेंगे। योगिराज गंभीरनाथ, ब्रह्मनाथ, नौमीनाथ, ब्रह्मलीन महंत दिग्विजयनाथ व अपने गुरु ब्रह्मलीन महंत अवेद्यनाथ महाराज की नाथ परंपरा के अनुसार पूजा-अर्चना कर उनके प्रति श्रद्धा अर्पित करेंगे।


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