कविता
स्वरचित व मौलिक रचना
लेखिका नूतन राय
मुंबई,महाराष्ट्र
जय माता कालरात्रि
जय जय जय दुर्गा महारानी।
कालरात्रि जय चंडी भवानी।।
भक्तों पर ममता बरसातीं ।
असुरों का संहार कराती।।
सातवें दिवस में पूजी जाती ।
भक्तों की हर आश पुराती।।
शुंभ निशुंभ महिषासुर घाती
राक्षस रक्त बीज उत्पाती ।।
तीनों लोक हाहाकार मचाया ।
देवों को था बहुत सताया ।।
इंद्र से छीन स्वर्ग का राज ।
सब देवों का छिना काज।।
आए शरण सब तेरी भवानी ।
दया दृष्टि फेरो महारानी ।।
माता ने फिर शस्त्र उठाया ।
असुरों को फिर मार भगाया ।।
कालरात्रि देबी महारानी।
विनती हमारी सुनो भवानी।।
जय गौरी गिरजा महारानी ।
कृपा करो मुझ पर हे शिवानी।।
🙏जय माता कालरात्रि 🙏