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सात घंटे पच्चपन मिनट में मुकम्मल कुरआन सुनाकर तोड़ा रिकॉर्ड

हाफिज मोहम्मद दानिश रज़ा की कुरआन मुकम्मल हिफ्ज़ करने पर दस्तारबंदी, लोगों ने दी हौसला अफजाई

सेवरही के मदरसा दारूल इशाअत से हासिल की कुरआन की तालीम

कुशीनगर जिले के तमकुहीराज तहसील क्षेत्र के सेवरही कस्बे में स्थित मदरसा दारूल इशाअत के छात्र हाफिज मोहम्मद दानिश रज़ा ने एक ऐतिहासिक रिकॉर्ड कायम किया है। हाफिज मोहम्मद दानिश ने रोजे के हालात में बिना खाए-पीए रहकर लगातार बैठ कर सात घंटे पचपन मिनट में कुरआन की पूरी तिलावत पूरी की। यह एक अद्वितीय रिकॉर्ड है, जिसमें उन्होंने 16 हाफिजों के पहले के रिकॉर्ड को तोड़ा है जिनमें पिछला कीर्तिमान आठ घंटे दस मिनट का था। हाफिज दानिश की इस सफलता ने न केवल अपने मदरसे को गौरवान्वित किया बल्कि पूरे क्षेत्र में एक नई उम्मीद जगाई है। लोगों ने हाफिज मोहम्मद दानिश की इस सफलता पर इत्रदान और गुलपोशी कर उनकी हौसला अफजाई की।

रोजे के दौरान कुरआन हिफ्ज़ करना किसी बड़ी चुनौती से कम नहीं होता लेकिन हाफिज मोहम्मद दानिश ने इस कठिन समय में भी अपने समर्पण और दृढ़ संकल्प के साथ एक नया कीर्तिमान स्थापित किया। उनकी इस उपलब्धि ने न केवल मदरसे में बल्कि पूरे क्षेत्र में खुशी और प्रेरणा का माहौल बना दिया है। लोगों ने हाफिज मोहम्मद दानिश की इस सफलता पर इत्रदान और गुलपोशी कर उनकी हौसला अफजाई की।

रज़ा जामा मस्जिद में आयोजित कार्यक्रम में हाफिज मोहम्मद दानिश को दस्तारबंदी की गई और उन्हें बधाई दी गई। बाद नमाज़ ज़ोहर रज़ा जामा मस्जिद में फातेहा ख्वानी और महफिले मिलाद का आयोजन किया गया, जिसमें लोग हाफिज मोहम्मद दानिश के लिए बेहतर भविष्य की दुआएं कीं।

मदरसा दारूल इशाअत के छात्रों के लिए हाफिज मोहम्मद दानिश की सफलता एक प्रेरणा है। 17 वर्षीय हाफिज मोहम्मद दानिश ने मदरसा से शिक्षा प्राप्त की और कड़ी मेहनत के बाद कुरआन मुकम्मल हिफ्ज़ किया। उनकी इस उपलब्धि में उनके परिवार, विशेषकर उनके चाचा अलाउद्दीन खान, भाई आसिफ खान, फैज़ खान, अयान खान, और फहद खान की महत्वपूर्ण भूमिका रही है।

हाफिज मोहम्मद दानिश ने अपनी इस सफलता को लेकर कहा मुझे खुद भी विश्वास नहीं हो रहा है कि इतनी कम समय में इसे कर दिखाया है। यह मेरी मेहनत और लगन का परिणाम है और मेरे परिवार और उस्तादों की दुआओं का असर है। उन्होंने बताया कि इस उपलब्धि में उनके मदरसे के पेशे इमाम कारी मोहम्मद जिकरूल्लाह का विशेष योगदान रहा जिनकी प्रेरणा और मार्गदर्शन से उन्होंने यह कीर्तिमान हासिल किया।

मदरसा दारूल इशाअत के शिक्षक कारी मोहम्मद जिकरूल्लाह ने हाफिज मोहम्मद दानिश की इस सफलता पर कहा कुरआन का हिफ्ज़ एक बहुत बड़ी सौगात है। अल्लाह पाक जिस बंदे पर मेहरबान होता है वही हाफिजे कुरआन और आलिम बनता है। हाफिज हैदर अली ने भी कहा कि दीनी तालीम के साथ ही दुनियावी तालीम भी जरुरी है तभी तरक्की के रास्ते खुलेंगे। उन्होंने कहा कि वालिदेन को चाहिए कि वह अपने बच्चों को दीनी व दुनियावी तालीम जरुर दिलाएं। मौलाना साबिर अली शम्सी ने कहा कि तालीम जिंदगी में अहम जरूरी है। तालीम जिंदगी को बेहतर ढंग से जीने का सलीका सिखाती है। ऐसे में बच्चों को दुनियावी व दीनी तालीम हर हाल में दिलानी चाहिए।

हाफिज मोहम्मद दानिश की उपलब्धि पर उनके परिवार के सदस्य भी प्रसन्न हैं। उनके बड़े भाई आसिफ खान ने बताया दानिश का यह कारनामा हमें भी विश्वास नहीं हो रहा है। उनके इस प्रयास से पूरे परिवार को गर्व है। उनके संघर्ष और मेहनत ने आज इस मुकाम तक पहुंचाया है। हाफिज दानिश ने अपने परिवार की दुआओं और भाई-बंधुओं के सहयोग को इस सफलता का श्रेय दिया है।

मदरसे के तालिब इल्म की जानिब से कुरआन मुकम्मल सुनाने पर मदरसा कमेटी सहित क्षेत्र के लोगों की ओर से सम्मानित करते हुए हौसला अफजाई की गई व हाफिज मो0 दानिश व उनके वालिदैन के लिए तरक्की व खुशहाली की दुआ के साथ मुल्क में अमन चैन आपसी भाईचारे के लिए दुआएं मांगी गईं। गौरतलब हो कि इससे पहले भी मदरसा दारुल इशाअत में क़ारी मोहम्मद ज़िकरूल्लाह साहब की सरपरस्ती में शोबए हिफ़्ज़ के बच्चों में हाफिज़ उमर फारूक, मो0 समीर रज़ा, मो0 इशराकुल्लाह, मो0 तौक़ीर रज़ा सहित दर्जनों तलबा ने एक बैठक में बज़ुबानी मुकम्मल कुरआन सुनाने का काम अंजाम दे चुके है। प्रोग्राम के आखिर में सलातो सलाम पेशकर लोगों में मिठाई तक़सीम की गईं।

इस अवसर पर मुबारकबाद देने में ईमाम हाफ़िज़ व कारी मोहम्मद जिकरूल्लाह साहब, प्रिंसिपल मोहम्मद शमीम, अरशद खान, कयामुद्दीन खान, जावेद खान, हाफिज अफजल सैफी,तबरेज अख्तर खान, टीपू सुलतान,आरिफ खान, मुमताज खान, हाफिज हामिद रजा,दानिश खान, सोनू खान, मौलाना साबिर अली शम्सी, मौलाना गुलाम मुस्तफा मिस्बाही, हाफिज हैदर अली, मदरसा कमेटी के प्रबन्धक शाकिर अली, सफदर हुसैन खान, सगीर अहमद, मो0 शमीम, हबीबुल्लाह हाशमी, पूर्व सभासद इमरान अजमेरी, मो0 इब्राहिम, डा0 मो0 खलील हाशमी, हाफिज इमामुद्दीन, मो0 बेलाल, अब्दुल रहमान, साजिद रज़ा, मो0 रहमतुल्लाह, आलम खान, मेराजुद्दीन खान, मुन्ना शेख, मुर्तुजा अली सहित तमाम लोगों ने नेक दुआओं से नवाजते हुए मुबारकबाद दिया।


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