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बिहार के अन्नदाता किसानों को बड़ी राहत मिली है. बिहार के 8402 पंचायतों में से 5050 में राज्य सरकार ने कृषि कार्यालय की शुरुआत कर दी है. बाकी के अतिरिक्त पंचायतों को किराए के भवन में खोले जाने की तैयारी है, जिसका बजट भी बन कर तैयार है. सरकार द्वारा राज्य के सभी जिलों के पंचायत स्तर पर कृषि कार्यालय की स्थापना की स्वीकृति दी गई है. साथ ही चालू वित्तीय वर्ष 2020-21 में कुल 1410.48 लाख रुपए की निकासी और व्यय की भी स्वीकृति प्रदान की गई है. इससे न सिर्फ राज्य के किसानों को सहूलियत मिलेगी, बल्कि इसके साथ-साथ काफी फायदा भी होगा. ये तमाम जानकारी बिहार कृषि मंत्री प्रेम कुमार ने दी.

*किसानों को नहीं काटने होंगे प्रखंड और जिला के चक्कर*
कृषि मंत्री प्रेम कुमार ने बताया कि कृषि कार्यालय खुलने से किसानों को कृषि विभाग की योजनाओं का लाभ लेने के लिए प्रखंड और जिलों के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे. उन्हें अपने ही पंचायतों के कृषि कार्यालय में विभागीय योजनाओं, कार्यक्रम की जानकारी मिल जाया करेगी. इसके साथ-साथ विभिन्न फसलों की तकनीकी जानकारी भी किसानों को दी इन कार्यालयों से दी जाएगी.

*नए तकनीक का त्वरित होगा प्रचार प्रसार*
कृषि मंत्री ने बताया कि कार्यालय खुलने से अब जल्द ही राज्य के किसानों के बीच कृषि संबंधित नई तकनीक का प्रचार-प्रसार करना आसान हो जाएगा. इसके अलावा कृषि विभाग की तरफ से संचालित योजनाओं का जमीनी स्तर पर सफल संचालन किया जा सकेगा.

*किसानों का बचेगा वक्त*
फिलहाल किसानों को तकनीक या किसी भी दूसरी जानकारी के लिए प्रखंड या जिला के दफ्तर का चक्कर लगाना पड़ता था. पर पंचायत स्तर पर कृषि कार्यालय खुलने का सबसे बड़ा फायदा किसानों को यह होगा कि वे जिला या प्रखंड कार्यालय जाने से बच जाएंगे और उस तरह उनका समय भी बचेगा. उन्हें अपने काम की सारी जानकारी अब पंचायत में ही मिल जाएगी।


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